पूर्व दिल्ली मंत्री और AAP विधायक राजेंद्र पाल गौतम ने हरियाणा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल होकर राजनीतिक हलचल मचाई। उनकी एंट्री से दलित वोट बैंक पर कांग्रेस की पकड़ मजबूत हो सकती है।
दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक राजेंद्र पाल गौतम ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल होकर एक बड़ी राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। गौतम ने कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में की।
राजेंद्र पाल गौतम की पृष्ठभूमि
राजेंद्र पाल गौतम दिल्ली सरकार में 2015 से मंत्री रह चुके हैं और उन्होंने जल, पर्यटन, और कला-संस्कृति जैसे विभागों का कार्यभार संभाला। वह दिल्ली के सीमापुरी विधानसभा क्षेत्र से चुने गए थे।
विवाद और इस्तीफा
अक्टूबर 2022 में गौतम ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसका कारण एक घटना थी, जिसमें उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाने और जातिवाद और छुआछूत से मुक्ति की शपथ दिलाई थी। इस कार्यक्रम में लगभग 10,000 लोग शामिल हुए थे और उन्होंने बाबा साहेब डॉ. बी.आर. आंबेडकर द्वारा निर्धारित 22 शपथें ली थीं। इनमें से एक शपथ हिंदू देवी-देवताओं की पूजा न करने की थी, जिसे लेकर बीजेपी ने खासा विरोध किया था।
राजनीतिक रणनीति और हरियाणा चुनाव
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की रणनीति को मजबूत करने के लिए राजेंद्र पाल गौतम की कांग्रेस में एंट्री अहम मानी जा रही है। हरियाणा में दलित वोटों पर पकड़ मजबूत करने के लिहाज से यह कदम कांग्रेस के लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि गौतम दलित समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं।
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