हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: जुलाना, लाडवा, गढ़ी, उचाना कलां समेत 10 प्रमुख सीटें, जो तय करेंगी राज्य की दिशा
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों पर पूरे राज्य की नजरें टिकी हैं। 15वीं विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद अब राज्य में सियासी हलचल बढ़ गई है। एक ओर एग्जिट पोल कांग्रेस को बढ़त दिखा रहे हैं, वहीं बीजेपी तीसरी बार सत्ता में आने की उम्मीद लगाए बैठी है। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर करीब 1,000 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इन 10 प्रमुख सीटों पर मुकाबला बेहद दिलचस्प है और ये सीटें राज्य के राजनीतिक भविष्य को तय कर सकती हैं।
1. जुलाना: पहलवानों की टक्कर
जुलाना सीट पर इस बार मुकाबला अनोखा है, जहां दो महिला पहलवान आमने-सामने हैं। कांग्रेस की ओर से ओलंपियन विनेश फोगाट मैदान में हैं, तो आम आदमी पार्टी (AAP) ने WWE में मुकाबला कर चुकीं कविता दलाल को उतारा है। विनेश खुद को ‘जुलाना की बहू’ बता रही हैं, जबकि कविता खुद को ‘जुलाना की बेटी’ कहकर प्रचार कर रही हैं। इनके अलावा बीजेपी के उम्मीदवार योगेश बैरागी और जेजेपी के मौजूदा विधायक अमरजीत सिंह धांडा भी मैदान में हैं। यहां 40% जाट वोटरों के बीच स्टार पावर का असर या स्थानीय नेताओं का अनुभव जीत का फैसला करेगा।
2. सोहना: निर्दलीय उम्मीदवार बढ़ा रहे चुनौती
सोहना सीट पर बीजेपी के तेजपाल तंवर का मुकाबला कांग्रेस के रोहतास सिंह खटाना से है। लेकिन यहां निर्दलीय उम्मीदवारों की मौजूदगी से मुकाबला और दिलचस्प हो गया है। इनमें से एक बीजेपी का पूर्व नेता है, जिसने टिकट न मिलने पर बगावत कर दी। इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार बाजी पलट सकते हैं।
3. लाडवा: मुख्यमंत्री की साख दांव पर
लाडवा सीट हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मैदान में उतरने के कारण सुर्खियों में है। सैनी को ओबीसी समुदाय का समर्थन प्राप्त है, लेकिन उन्हें कांग्रेस के मेवा सिंह और आईएनएलडी की सपना बर्शामी से कड़ी चुनौती मिल रही है। 2019 में बीजेपी ने यहां हार का सामना किया था, इसलिए यह सीट बीजेपी के लिए इस बार अहम है।
4. उचाना कलां: दिग्गजों की भिड़ंत
उचाना कलां, जिंद जिले की एक महत्वपूर्ण सीट है, जहां जाट वोटर निर्णायक भूमिका में हैं। यहां कांग्रेस के ब्रिजेंद्र सिंह, जो पूर्व बीजेपी सांसद रहे हैं, जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला को चुनौती दे रहे हैं। दुष्यंत, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पोते हैं और उनकी जीत से पार्टी की स्थिति और मजबूत हो सकती है।
5. रानिया: परिवारिक सियासी जंग
रानिया सीट पर चौटाला परिवार की अंदरूनी जंग देखने को मिल रही है। ओम प्रकाश चौटाला के भाई रणजीत सिंह चौटाला निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं। उनके सामने आईएनएलडी के अर्जुन चौटाला खड़े हैं, जो उनके भतीजे हैं। इस सीट का नतीजा चौटाला परिवार की राजनीतिक विरासत को बदल सकता है।
6. अंबाला छावनी: अनिल विज और निर्दलीय प्रत्याशी की टक्कर
हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री और बीजेपी उम्मीदवार अनिल विज एक बार फिर अंबाला छावनी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला निर्दलीय प्रत्याशी चित्रा सरवारा से है, जिन्होंने 2019 में भी विज को कड़ी टक्कर दी थी। पिछली बार विज ने 64,571 वोटों के साथ जीत दर्ज की थी, जबकि चित्रा को 44,406 वोट मिले थे।
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7. ऐलनाबाद: चौटाला का गढ़
सिरसा जिले की ऐलनाबाद सीट आईएनएलडी के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला का गढ़ मानी जाती है। उनका मुकाबला बीजेपी के आमिर चंद मेहता और आप के मनीष अरोड़ा से है। 2019 में चौटाला ने इस सीट पर कम अंतर से जीत हासिल की थी, इस बार भी मुकाबला रोमांचक रहने की उम्मीद है।
8. रेवाड़ी: वंशवादी राजनीति का केंद्र
रेवाड़ी, यादव बहुल क्षेत्र है, जहां वंशवादी राजनीति हावी है। कांग्रेस के चिरंजीव राव, जो छह बार के विधायक कैप्टन अजय सिंह यादव के बेटे हैं, यहां से मौजूदा विधायक हैं। कांग्रेस और आप दोनों ने यादव समुदाय के मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं, जिससे मुकाबला और दिलचस्प हो गया है।
9. कैथल: बहुकोणीय मुकाबला
कैथल सीट पर सबसे युवा उम्मीदवार आदित्य सुरजेवाला, जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला के बेटे हैं, मैदान में हैं। यहां कांग्रेस, बीजेपी, आप और जेजेपी के बीच कांटे की टक्कर है। बीजेपी की ओर से लीला राम, आप के सतबीर सिंह गोयत और जेजेपी के संदीप गढ़ी भी मैदान में हैं।
10. गढ़ी: कांग्रेस बनाम बीजेपी की रोचक लड़ाई
गढ़ी सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और बीजेपी की मंजू हुड्डा के बीच मुकाबला है। भूपेंद्र हुड्डा 2009 से इस सीट पर काबिज हैं, लेकिन इस बार उन्हें अपनी सीट बचाने के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
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