झारखंड सियासत में सीता-इरफान विवाद: आदिवासी अस्मिता और महिला अपमान के आरोप
रांची: झारखंड की राजनीति में हाल ही में एक विवादित बयान ने सियासी तापमान को और भी बढ़ा दिया है। कांग्रेस नेता और मंत्री इरफान अंसारी द्वारा भाजपा नेता सीता सोरेन पर की गई टिप्पणी को लेकर भाजपा और आदिवासी समुदाय में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है। रविवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीता सोरेन ने भावुक होते हुए अपने पति और आदिवासी समाज के प्रति सम्मान की बात की, जिससे यह विवाद और गहरा गया।
मामले की शुरुआत: बयान से शुरू हुआ सियासी बवाल
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब इरफान अंसारी ने एक टिप्पणी में भाजपा नेता सीता सोरेन को “रिजेक्टेड माल” कह दिया। इस टिप्पणी के वायरल होने के बाद भाजपा और अन्य दलों में इसका विरोध शुरू हो गया। सीता सोरेन ने इस बयान को महिला अस्मिता और आदिवासी समाज का अपमान बताया। इसके जवाब में इरफान अंसारी ने दावा किया कि उनका बयान तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है, लेकिन उन्होंने फिर भी इसे खत्म करने की मंशा जाहिर करते हुए माफी मांग ली।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीता सोरेन का भावुक बयान
रविवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में, सीता सोरेन इरफान अंसारी की टिप्पणी को याद करते हुए रो पड़ीं। उन्होंने कहा, “जामताड़ा, गुरुजी (शिबू सोरेन) और मेरे पति स्वर्गीय दुर्गा सोरेन की कर्मभूमि है। आज अगर दुर्गा सोरेन जीवित होते, तो इरफान के बयान का जवाब देते।” इस बयान के बाद वहां मौजूद भाजपा महिला मोर्चा की नेता ने उन्हें सांत्वना दी।
जामताड़ा में प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोने लगीं सीता सोरेन
भाजपा का आरोप: आदिवासी और महिला विरोधी टिप्पणी
भाजपा ने इस विवाद को आदिवासी अस्मिता और महिला सम्मान से जोड़कर उभार दिया है। भाजपा नेता विवेक ठाकुर ने इरफान अंसारी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं हैं और उनकी टिप्पणी से आदिवासी और महिला सम्मान को ठेस पहुंची है। भाजपा इस मामले को चुनावी मुद्दा बनाकर जनता के बीच उठाने की कोशिश कर रही है।
इरफान अंसारी की माफी और नई बयानबाजी
अपने बयान पर सफाई देते हुए इरफान अंसारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर मेरे बयान से भाभीजी (सीता सोरेन) को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं, लेकिन यह पूरा प्रकरण भाजपा की साजिश है।” उन्होंने कहा कि भाजपा उनके बयान को जनता के सामने तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत कर रही है और उनके आदिवासी समाज के प्रति सम्मान को कम कर रही है।
जामताड़ा में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मंत्री इरफान अंसारी और डॉ विक्रांत भूरिया.
कांग्रेस का रुख और एआईसीसी ऑब्जर्वर विक्रांत भूरिया की प्रतिक्रिया
इस मामले में मध्य प्रदेश के झाबुआ के विधायक सह एआईसीसी ऑब्जर्वर विक्रांत भूरिया ने कहा कि भाजपा इस विवाद को गलत दिशा में ले जा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आदिवासी समाज और महिलाओं का सम्मान करती है और इरफान अंसारी के बयान का गलत इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि जब हेमंत सोरेन को जेल भेजा गया तब आदिवासी समाज की अस्मिता का ध्यान नहीं रखा गया।
विवाद का राजनीतिक परिणाम
यह मामला झारखंड के आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के बीच तनाव को और बढ़ाने वाला साबित हो सकता है। भाजपा जहां इरफान अंसारी के बयान को लेकर जनता में आक्रोश बढ़ाने का प्रयास कर रही है, वहीं कांग्रेस इसे भाजपा की साजिश बताकर मामले को शांत करने की कोशिश कर रही है। इस विवाद का असर झारखंड की राजनीतिक तस्वीर पर स्पष्ट रूप से दिख सकता है।
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