• Tue. Oct 1st, 2024

Rajnaitik Mantrana

In-depth coverage of political events

झारखंड सरकार की हिमंता-शिवराज पर शिकायत

झारखंड सरकार ने हिमंता-शिवराज के बयानों पर आपत्ति जताते हुए चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग की, आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यह विवाद बढ़ता जा रहा है।

झारखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, और ऐसे में राज्य की राजनीति में नई हलचल शुरू हो गई है। झारखंड सरकार ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग (ECI) को एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि इन नेताओं की राज्य में दौरे से “विभिन्न समुदायों के बीच नफ़रत फैलने की संभावना” है।

सरकार की चिंताएं

झारखंड सरकार ने 2 सितंबर को चुनाव आयोग को लिखे गए पत्र में कहा है कि हिमंता और शिवराज ने राज्य के वरिष्ठ नौकरशाहों को धमकाने और उनके खिलाफ भ्रामक बयान देने का काम किया है। यह आरोप लगाया गया है कि इन नेताओं ने मीडिया में राज्य प्रशासन के खिलाफ बयान दिए, जिससे राज्य के अधिकारियों पर गलत प्रभाव पड़ रहा है।

पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि हिमंता और शिवराज ने झारखंड में भाजपा की चुनावी गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग लिया है, जबकि राज्य में अभी चुनाव की तारीखों की घोषणा भी नहीं हुई है। झारखंड सरकार ने इस मामले में “सबसे सख्त कार्रवाई” की मांग की है।

चुनाव आयोग की सीमाएं

चुनाव आयोग के सूत्रों का कहना है कि अभी तक राज्य में आचार संहिता लागू नहीं हुई है, जिससे उनके पास कार्रवाई करने के सीमित अधिकार हैं। इसके बावजूद, झारखंड सरकार ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की है, जिससे हिमंता और शिवराज के बयानों पर रोक लग सके।


झारखंड सरकार ने हिमंता-शिवराज के बयानों पर आपत्ति जताते हुए चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग की, आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यह विवाद बढ़ता जा रहा है।

आरोपों की गहन जांच

पत्र में यह भी दावा किया गया है कि हिमंता और शिवराज के बयान राज्य में सांप्रदायिक तनाव पैदा कर रहे हैं। झारखंड सरकार ने कहा कि यह एक “पूर्व नियोजित योजना” है, जिसके तहत भाजपा राज्य प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को डराने का प्रयास कर रही है, ताकि वे अपने दायित्वों को सही ढंग से पूरा न कर सकें।

पत्र में पूर्व देवघर उपायुक्त मंजनाथ भजनत्री के खिलाफ कार्रवाई का भी उल्लेख किया गया है, जिन्हें लोकसभा की विशेषाधिकार समिति द्वारा तलब किया गया था। साथ ही, देवघर के पुलिस अधीक्षक पियूष पांडे, और झारखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक एम. वी. राव के खिलाफ भी कार्रवाई का जिक्र किया गया है, जिसे सरकार ने “फर्जी शिकायतों” पर आधारित बताया है।

निष्पक्षता की मांग

झारखंड सरकार ने चुनाव आयोग से मांग की है कि राज्य के नौकरशाहों के खिलाफ की जा रही शिकायतों की निष्पक्षता से जांच की जाए और कोई भी कार्रवाई बिना तथ्यों के आधार पर न की जाए। सरकार ने चुनाव आयोग से इस मामले में ध्यान देने की अपील की है, ताकि राज्य में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित हो सके।

इसे भी पढ़े: वोटों के लिए युवाओं की मौत – भाजपा

Click here to connect with us on Facebook

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *