राजस्थान कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए नाम की सुगबुगाहट तेज हो गई। इसे लेकर राजस्थान के कुछ मंत्री अपने नजदीकी प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा जी के साथ बढ़ाने में लगे हुए हैं। इसका संगीत कल खुद सुखविंदर रंधावा ने दे दिया था। उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि मेरे लिए अशोक गहलोत और सचिन पायलट ही नेता है बल्कि मेरे पास राजस्थान में और भी लीडर है। जिनके साथ में वार्तालाप कर रहा हूं। रंधावा जी ने यह भी जोर देकर कहा कि और भी जाति के नेता उनसे बात कर रहे हैं।
इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं और बहुत तरह की बातें भी सामने आ रही है। सूत्रों की माने तो कांग्रेस पार्टी यहां पर भाजपा की तुलना में किसी और जाति के नेता को प्रेसिडेंट बनाने के मूड में हैं, जो ना तो अशोक गहलोत के करीबी हो और ना ही सचिन पायलट के कोई खास हो। इस परिस्थिति में रंधावा की लगातार कुछ नेताओं के साथ नज़दीकियां बढ़ती जा रही हैं। उनमें से एक कैबिनेट मंत्री हैं और दूसरे पूर्व कैबिनेट मंत्री।
कॉन्ग्रेस के बड़े नेताओं का यह कहना है कि पिछले 2 वर्ष से अधिक समय से कांग्रेस पार्टी ने कोई बड़ी एक्टिविटी नहीं हुई है। इसका असर संगठन पर पड़ रहा है। एक नेता या तक बता रहे हैं जिलों में अध्यक्ष ना बनाए जाने से कार्यकर्ताओं मायूसी है। अब कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में इसे लेकर आक्रोश बढ़ रहा है। जल्दी वक्त पर चीजें ना हुई तो बड़ा असर हो सकता है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि नए अध्यक्ष के आने से जल्द ही संगठन बनेगा और कार्यकर्ता को चुनाव में जाने में उत्साह बढ़ेगा।
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस आलाकमान राजस्थान में किसी 45 से 55 वर्ष की आयु वाले नेता को अध्यक्ष बनाने की तैयारी में है। उसमें जाति और बड़े फेस को लेकर चर्चा भी है। क्योंकि भाजपा की तुलना में कांग्रेस भी यहां नए परिवर्तन के मूड में हैं। पिछले दिनों वर्तमान राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष ने कांग्रेस के कार्यक्रमों में आने के लिए चेतावनी तक दे डाली थी मगर उसका कोई प्रभाव नहीं दिखा। उसके पश्चात कोई बड़ा कार्यक्रम भी नहीं हुआ। राहुल गांधी ने भारत छोड़ो यात्रा के बीच जो बातें यहां पर कहीं थी उस पर भी ज्यादातर अमल नहीं हुआ है। इसको लेकर भी राजस्थान कांग्रेस कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी देखी जा रही है।