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लालू का BJP-RSS पर हमला: जाति जनगणना को लेकर चेतावनी

लालू प्रसाद यादव जाति जनगणना पर बोलते हुए

जाति जनगणना पर लालू प्रसाद यादव का हमला: आरएसएस और भाजपा को करेंगे मजबूर

हाल ही में जाति जनगणना के मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि विपक्ष सरकार पर इतना दबाव बनाएगा कि उसे जाति जनगणना करवानी ही पड़ेगी। लालू प्रसाद का यह बयान उस समय आया है जब आरएसएस ने कहा था कि वह जाति जनगणना का समर्थन केवल तभी करेगा जब इसका उपयोग वंचित वर्गों के कल्याण के लिए किया जाएगा, न कि राजनीतिक कारणों से।

जाति जनगणना पर लालू का कड़ा रुख

लालू प्रसाद यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, “हम आरएसएस, भाजपा को कान पकड़ कर उठक-बैठक कराएंगे और जाति जनगणना करवाएंगे। इनकी क्या औकात है कि ये जाति जनगणना नहीं करेंगे? हम उन्हें इतना मजबूर करेंगे कि उन्हें यह करना ही होगा। दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और गरीबों को अब एकजुटता दिखाने का समय आ गया है।”

यह टिप्पणी लालू प्रसाद ने सिंगापुर में अपनी नियमित स्वास्थ्य जांच के बाद पटना लौटने पर की। याद रहे कि दिसंबर 2022 में सिंगापुर में लालू प्रसाद का किडनी ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किया गया था।

आरजेडी का आंदोलन और जाति जनगणना की मांग

आरजेडी ने 1 सितंबर को बिहार में एक दिवसीय धरना आयोजित किया, जिसमें पूरे देश में जाति जनगणना की मांग की गई और बिहार सरकार द्वारा बढ़ाए गए कोटा को संविधान की नवें अनुसूची में शामिल करने की मांग की गई। इस दौरान आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने केंद्र और राज्य में एनडीए सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे समाज के वंचित वर्गों के लिए आरक्षण के खिलाफ हैं और जाति जनगणना का विरोध कर रहे हैं।

लालू प्रसाद यादव जाति जनगणना पर बोलते हुए

राजनीतिक परिदृश्य पर प्रभाव

तेजस्वी यादव ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर संसद और जनता को बिहार में बढ़े हुए कोटा को संविधान की नवें अनुसूची में शामिल करने के मुद्दे पर गुमराह करने का आरोप लगाया। जाति जनगणना का मुद्दा अब एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दा बन चुका है और इसे लेकर विपक्ष का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस मुद्दे पर आगे की राजनीति आने वाले चुनावों पर गहरा प्रभाव डाल सकती है, क्योंकि जाति जनगणना के जरिए सामाजिक न्याय की मांग जोर पकड़ रही है।

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