बिहार राजनीति: तेजस्वी ने ‘सीएम’ पर साधा निशाना, लालू की पेशकश पर नीतीश ने दिया इशारा
बिहार की राजनीति में संभावित गठजोड़ की अटकलें खत्म होने के बाद जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के बीच सियासी टकराव ने जोर पकड़ लिया है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बुधवार को जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि “थके हुए मुख्यमंत्री”, जो सेवानिवृत्त अधिकारियों पर निर्भर हैं, उन्होंने बिहार के युवाओं की उम्मीदों को निराशा में बदल दिया है।
सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए सीएम पर हमला
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा को दुर्गति यात्रा करार दिया। उन्होंने राज्य सरकार पर 225.78 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप लगाया।
थके सीएम और रिटायर्ड अधिकारी
तेजस्वी ने लिखा,
“थके हुए मुख्यमंत्री ने रिटायर्ड अधिकारियों के सहारे बिहार के युवाओं की उम्मीदों को निराशा में बदल दिया है। झूठे प्रचार के जरिए विज्ञापनों पर करोड़ों रुपये बर्बाद किए जा रहे हैं। बिहारियों के जीवन को समृद्ध बनाने की बजाय उन्होंने उन्हें बर्बाद कर दिया है।”
उन्होंने आगे कहा,
“इस असंवेदनशील सरकार और उसके मुखिया के नेतृत्व में, एक ही बारिश के मौसम में सैकड़ों पुल गिर जाते हैं। पिछले दो दशकों से हर तरह की परीक्षाओं में पेपर लीक और धोखाधड़ी आम हो गई है। महंगाई हर घर और परिवार को खा रही है। छोटे और बड़े व्यवसाय तबाही के कगार पर हैं। उनके शासन में बिहार गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और पलायन में शीर्ष पर है।”
लालू यादव की पेशकश पर नीतीश का जवाब
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने हाल ही में नीतीश कुमार को INDIA गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था। लालू ने कहा था,
“अगर वह (नीतीश कुमार) हमारे साथ आते हैं, तो हम उन्हें जरूर स्वागत करेंगे। हम उनके पिछले गलतियों को माफ कर देंगे और उनके साथ बैठकर काम करेंगे। हर बार हम सही फैसला लेते हैं, लेकिन वह सही फैसला नहीं ले पाते। वह गठबंधन छोड़कर भाग जाते हैं।”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
“हमने दो बार गलती की और रास्ता भटक गए, लेकिन अब हम हमेशा साथ रहेंगे और विकास के लिए काम करेंगे।”
राजनीतिक गठबंधन पर अटकलें
बिहार में राजनीतिक घटनाक्रमों ने संभावित गठबंधन बदलाव की अटकलों को हवा दी है। नीतीश कुमार अपनी प्रगति यात्रा के तहत राज्यभर में महिलाओं के कल्याण पर सरकार की उपलब्धियों को उजागर कर रहे हैं।
हालांकि, इस यात्रा के दौरान भाजपा के दोनों उपमुख्यमंत्री, सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, अनुपस्थित रहे। इससे यह संकेत मिल रहा है कि नीतीश और भाजपा के बीच दूरी बढ़ रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी हाल ही में बयान दिया था कि बिहार में एनडीए के नेतृत्व का निर्णय आगामी चुनावों के बाद भाजपा संसदीय बोर्ड करेगा।

नीतीश-तेजस्वी की मुलाकात से गरमाई राजनीति
नीतीश कुमार को हाल ही में राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से गर्मजोशी से मिलते हुए देखा गया। इस मुलाकात ने जेडीयू और आरजेडी के संभावित गठबंधन को लेकर अटकलों को और हवा दी।
क्या नीतीश फिर बदलेंगे पक्ष?
नीतीश कुमार ने हाल ही में दिल्ली का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के आवास पर मुलाकात की।
हालांकि, इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से उनकी मुलाकात नहीं हुई। इससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या नीतीश कुमार भाजपा के साथ असहज महसूस कर रहे हैं और क्या वह एक बार फिर गठबंधन बदलने का इरादा रखते हैं।
बिहार में भाजपा की रणनीति
भाजपा के बड़े नेताओं, सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, ने कहा है कि बिहार में एनडीए का नेतृत्व नीतीश कुमार करेंगे। हालांकि, भाजपा ने महाराष्ट्र के महायुति गठबंधन की जीत के बाद, जहां देवेंद्र फडणवीस सीएम बने थे, बिहार में भी इस फॉर्मूले को लागू करने की संभावना व्यक्त की है।
इसे भी पढ़े: चिराग पासवान: लोजपा लड़ेगी झारखंड चुनाव
Click here to connect with us on Facebook